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भरोसेमंद कर व्यवस्था का वादा

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27 Jan 15
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यहां अमेरिकी निवेशकों को भारत में निवेश के लिए आकर्षित करते हुए उन्हें एक भरोसेमंद कर व्यवस्था और व्यवसाय के लिए खुला वातावरण सुलभ कराने का भरोसा दिलाया और कहा कि 'बाकी बची अनिश्चितताएं' भी दूर कर दी जाएंगी. इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारत के साथ व्यापार के लिए 4 अरब डालर के निवेश की घोषणा की. साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत में नियामकीय और कर परिवेश में 'निरंतरता' और 'सरलता' की मांग उठायी और दोनों देशों के बीच व्यापार और व्यावसाय में उल्लेखनीय वृद्धि के लिये बौद्धिक संपदा अधिकारों से जुडे मुद्दों के समाधान पर भी जोर दिया.

दोनों नेताओं ने ओबामा की भारत यात्रा के दूसरे दिन आज यहां भारत-अमेरिका सीईओ फोरम और भारत अमेरिका व्यवसायिक परिषद की बैठकों में दिग्गज उद्योगपतियों के साथ चर्चा की. प्रधानमंत्री मोदी अपने संबोधन में कहा कि उनकी सरकार ने कुछ 'पुरानी ज्यादतियां' दूर की हैं. उन्होंने कहा, 'अब हम बाकी अनिश्चितताओं को जल्द ही दूर करेंगे.' उन्होंने जाहिरातौर पर पिछली सरकार द्वारा लाए गए पूरानी तिथि से लागू कराधान कानून के संबंध में यह बात कही.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'आपको एक ऐसा माहौल मिलेगा जो न केवल खुला होगा, बल्कि आपका स्वागत करने वाला होगा. आप खुद दिशा लेकर अपनी परियोजनाओं को सिरे चढाएंगे. आपको ऐसा वातावरण दिया जाएगा जो निवेश को प्रोत्साहन देने वाला होगा और उद्यम को आगे बढाएगा. यह नवोन्मेषण को पोषित करेगा एवं आपकी बौद्धिक संपदा की रक्षा करेगा.'

प्रधानमंत्री ने यूएसआईबीसी की बैठक में कहा, 'यह कारोबार करना आसान बनाएगा. आप एक ऐसी कर व्यवस्था देखेंगे जो भरोसेमंद और प्रतिस्पर्धी होगी.' सीईओ फोरम की एक बैठक में मोदी ने कहा कि वह बडी परियोजनाओं के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी खुद अपने हाथ में लेंगे और इस पर नजर रखेंगे. उन्‍होंने कहा, 'हम आपकी उम्मीदों पर खरा उतरेंगे. मैं हमेशा उपलब्ध हूं. मैं आपकी बात सुनूंगा.'

मोदी ने भारत की संघीय व्यवस्था का भी जिक्र किया और कहा कि वह राज्य सरकारों के साथ मिलकर मतभेदों को दूर करने और टकरावों का समाधान निकालने के प्रयास कर रहे हैं. ओबामा ने अपने भाषण में भारत में नियामकीय और कर परिवेश में 'निरंतरता' और 'सरलता' की मांग उठायी और दोनों देशों के बीच व्यापार और व्यावसाय में उल्लेखनीय वृद्धि के लिये बौद्धिक संपदा अधिकारों से जुडे मुद्दों के समाधान पर भी जोर दिया.
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