GMCH STORIES

खुदाई में निकली ऐतिहासिक तलाई का हो संरक्षण

( Read 9604 Times)

27 Jul 17
Share |
Print This Page
खुदाई में निकली ऐतिहासिक तलाई का हो संरक्षण (विवेक मित्तल) बीकानेर .सरेह नथानियाँ गोचर भूमि में विगत दिनों वर्षों पुरानी रियासतकाली तलाई का अस्तित्व उजागर हुआ। राजस्थान सरकार द्वारा चलाई जा रही अमृत जलम् योजना के अन्तर्गत प्र्रशासन यदि इस तलाई को संरक्षित कर जल भण्डार की व्यवस्था कर दे तो इस गोचर भूमि में बारिश के पानी को यहाँ एकत्रित किया जा सकता है तथा जल संरक्षण कर वन भूमि में विचरण करने वाले विभिन्न प्रजातियों के पशु-पक्षियों के लिए पानी की सुदृढ़ व्यवस्था कायम की जा सकती है। गोचर भूमि में तलाई को खोजने वाले राजेन्द्र पुरोहित (पप्पू पेण्टर) बताते हैं कि गोचर भूमि में स्थित मन्दिर की दीवार पर चित्रकारी करते समय विश्राम समय में आसपास टहलते हुए अनायास की जमीन में कुछ होने की आशंका हुई कौतुहलवश हाथों से मिट्टी हटाने से वहाँ प्राचीन दीवार होने का आभास हुआ तो मन में जिज्ञासा और बढ़ी तो प्रतिदिन चित्रकारी के साथ-साथ खुदाई का काम भी बढ़ने लगा तो जमीन के अन्दर से मोटी दीवार का हिस्सा सामने आया। परिचित लोगों को एकत्रित किया और गोचर भूमि में निकली दीवार के बारे में बताया तो विचार-विमर्श करने के बाद उक्त स्थान की खुदाई करवाने का निर्णय लिया गया, खुदाई के उपरान्त जो परिणाम सामने आया वो था लगभग 60-65 फीट गोल घेरे वाली तथा 25 फीट गहरी पक्की तलाई। जो प्राकृतिक जल संरक्षण का बहुत बड़ा स्रोत बन सकता है इस गोचर भूमि में।
राजेन्द्र पुरोहित बताते हैं कि दैवीय कृपा से उजागर हुई इस तलाई को देखकर मन हर्षित हुआ साथ में इसके जीर्णोद्वार तथा संरक्षण करने की चिन्ता सताने लगी तो हमने स्थानीय राजनेता तथा प्रशासनिक अधिकारियों से मिल कर इसके रखरखाव तथा संरक्षण करने की मांग कि ताकि गोचरभूमि में विचरण करने वाले पशु-पक्षियों के लिए जल की व्यवस्था हो सके लेकिन प्रशासन द्वारा इसके लिए कोई कार्यवाही नहीं की गई है। प्रशासन को इस ओर शीघ्र ध्यान देने की आवश्यकता है।
Source :
This Article/News is also avaliable in following categories : Bikaner News , Sponsored Stories
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like