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पैर फिसलने से गिरे बम और चीथड़े उड़ गए

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25 Jan 15
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पटना । आरा धमाके में मारी गई नगीना वह बम अपने साथियों को देने आई थी लेकिन अदालत में उसका पैर फिसल गया, जिससे सारे बम वहीं गिरकर फट गए और उसके चीथडे़ उड़ गए। पुलिस सूत्रों की मानें तो उसके झोले में रखा बम अगर नहीं फटता, तो शुक्रवार को आरा कोर्ट में दर्जनों लोग मरते।
भोजपुर के सहार थाना क्षेत्र के उग्रवाद से प्रभावित बारी गांव की नगीना देवी मानव बम नहीं थी। नगीना की शादी कई वर्ष पूर्व उत्तर प्रदेश के बलिया जिला के कोतवाली थाने अंतर्गत शिवपुर दियर गांव में हरे राम गोंड से हुई थी। चार बहन और दो भाइयों में सबसे बड़ी नगीना के माता-पिता की मौत हो चुकी है। बताया जा रहा है कि नगीना ने अपनी 25 वर्षीय इकलौती बेटी सोनी कुमारी के विवाह के बाद करीब पांच वर्ष पूर्व अपने पति से संबंध विच्छेद कर लिया था और आरा में आकर रहने लगी थी। यहां आकर वह पीरो निवासी कुख्यात अपराधी लंबू शर्मा और उसके गिरोह के संपर्क में आ गई। नगीना अपने प्रेमी लंबू शर्मा से कुछ दिन पूर्व भी आरा जेल में जाकर मिली थी। नगीना को घटना के तीन दिन पहले बिहार सर्किल का जाली सिम आरा जेल में कैद अपराधियों ने ही उपलब्ध कराया था। नगीना देवी के पास से दो सिम बरामद किए गए हैं। जिसमें एक सिम बिहार सर्किल का और दूसरा उत्तर प्रदेश का था। घटना के समय मोबाइल में बिहार सर्किल का सिम लगा था। दूसरा सिम उसके पर्स में रखा हुआ था। बिहार सर्किल का सिम कोईलवर थाना क्षेत्र चंदा गांव निवासी सावित्री देवी के नाम पर था, जबकि दूसरा बलिया जिले के पते पर था। लंबू शर्मा के कहने पर ही वह एक दर्जन से अधिक बम झोले में रखकर व्यवहार न्यायालय पहुंची थी।
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