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अहम का त्याग करेंः सत्यसिद्धा

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22 Mar 18
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अहम का त्याग करेंः सत्यसिद्धा बाडमेर। ’परमेश्वर से बढकर कोई ताकत नहीं है। कभी-कभी लोगों के पास धन सम्पदा अधिक आने से भ्रम की स्थिति आ जाती है, साथ ही अहम भी बढता जाता है। उनको ऐसा लगने लग जाता है कि उनसे बढकर कोई नहीं, लेकिन यह जान लेना चाहिए कि अति तो राजा रावण की भी नहीं चली। राजा रावण के पास शास्त्रों का ज्ञान, बल, धन सम्पदा सब थे, लेकिन अहम हो जाने से भ्रमित हो गए। उन्होंने पाप एकत्रित करने से शुरू कर दिए, आखिर में विनाश ही हुआ। ‘
यह प्रवचन इंदिरा नगर में बुधवार को श्री राम कथा में चौथे दिन साध्वी सत्यसिद्धा ने दिए। उन्होंने कहा कि यह जीवन क्षण भंगूर है। एक क्षण में नष्ट हो जाता है। ऐसे में परमार्थ सेवा के जरिए मानव कल्याण का रास्ता अपनाना चाहिए, ताकि स्वयं का जीवन संवर सकें, साथ ही अन्यों का भी भला हो। उन्होंने कहा कि यह कथा वात्सल्य सेवा केन्द्र, बाडमेर में रह रही निराश्रित बालिकाओं के सहयोगार्थ की जा रही है, ऐसे में अधिक से अधिक सहयोग करें। कथा में कथा आयोजक महादेवसिंह पडहार, श्यामसिंह पडहार, राजूसिंह पडहार आदि ने सहयोग किया। कथा में भागीरथ शर्मा, हनुमानराम गौड, चेतनसिंह, गेमरसिंह, आम्बसिंह, चुतरसिंह ईन्दा, शोभसिंह ईन्दा, किशन गौड, अमरसिंह सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। आयोजक महादेवसिंह ने बताया कि श्री राम कथा २५ मार्च तक दोपहर १ से दोपहर ४ बजे तक चलेगी। उन्होंने आह्वान किया कि अधिक से अधिक श्रद्धालु कथा में शिरकत करें।
बाल कलाकारों ने शिव पार्वती का धरा रूपः कथा के दौरान बाल कलाकारों ने शिव-पार्वती, श्रीराम-सीता, हनुमान, राक्षसों का रूप धरा। कथा में इन बाल कलाकारों के अभिनव को खूब सराहा गया।


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