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आईलेण्ड्स के नाम पर बने बांसवाड़ा की विश्वभर में पहचान

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12 Apr 18
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आईलेण्ड्स के नाम पर बने बांसवाड़ा की विश्वभर में पहचान जिला कलक्टर भगवतीप्रसाद ने कहा है कि जिले को प्रकृति की बेनज़ीर सौगात के रूप में प्राप्त हुए हण्डेªड आईलेण्ड्स के विकास के लिए राज्य सरकार ने 10 करोड़ रुपयों बजट घोषणा के रूप में एक मौका दिया है तो हमें इनके विकास के लिए ऐसी कार्ययोजना तैयार करनी है कि वो फलीभूत हो तथा आईलेण्ड्स के नाम पर बांसवाड़ा की विश्वभर में पहचान बन सके।
कलक्टर ने यह उद्गार मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे द्वारा ‘हण्ड्रेड आईलेण्ड क्षेत्र विकास’ की 10 करोड़ रुपयों की बजट घोषणा के तहत पर्यटन उन्नयन समिति द्वारा तैयार की जा ही कार्ययोजना की समीक्षा करते हुए व्यक्त किए।
इस मौके पर उन्होंने जिला पर्यटन उन्नयन समिति द्वारा आईलेण्ड्स के विकास के लिए तैयार की गई कार्ययोजना को देखा तथा इसकी सराहना करते हुए इसको विविध चरणों में बांटते हुए प्राथमिकताओं के आधार पर तैयार करते हुए प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हमें आईलेण्ड्स का विकास करना है परंतु से सिर्फ पर्यटकों तक ही सीमित नहीं रहे, इसमें यह भी ध्यान रखना है कि ये आईलेण्ड्स जिलेवासियों के भ्रमण के लिए भी उपयोगी हो तथा जब भी जी चाहे जनसामान्य यहां पर न्यूनतम खर्च में इन विश्वस्तरीय पर्यटक स्थल की सैर कर गौरव की अनुभूति कर सके।
बैठक दौरान र्यटन उन्नयन समिति के संरक्षक जगमालसिंह, सचिव हेमांग जोशी, सदस्य व सहायक निदेशक(जनसंपर्क) कमलेश शर्मा, सीओ स्काउट दीपेश शर्मा, शताब्दी वेलफेयर सोसायटी के मुजफ्फर अली व सेवानिवृत्त कृषि वैज्ञानिक हिरेन्द्र जोशी आदि ने तैयार की गई कार्ययोजना के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की और इसके क्रियान्वयन के संबंध में कलक्टर से चर्चा भी की।
प्रथम चरण में प्लांटेशन पर रहेगा जोर:
अब तक तैयार की गई कार्ययोजना अनुसार प्रथम चरण में पांच आईलेण्ड्स का विकास किया जाएगा और इसमें समस्त आईलेण्ड्स की विस्तृत सर्वे में प्राप्त हुए आंकड़ों के आधार पर फेंसिंग व प्लांटेशन पर जोर रहेगा। इसके साथ ही आईलेण्ड्स के कटाव को रोकने के लिए पिचिंग कार्य, सिर्फ पत्थरों से निर्मित वॉकिंग पाथ, बांस से बनी वॉचमेन हट, वॉटर टेंक, सोलर सिस्टम, सोलर पंप, ट्यूबवेल, लॉन, फूलों का गार्डन, बांस से कवर्ड स्पेस, फ्लोटिंग डेक्स, नेचुरल वॉशरूम आदि की स्थापना पूर्ण प्राकृतिक तरीके से की जाएगी। जिला कलक्टर ने कहा कि आईलेण्ड्स का विकास पूरी तरह प्राकृतिक दृष्टि से करना होगा। इसमें किसी प्रकार का कंक्रीट निर्माण न होकर अधिकाधिक पौधरोपण हो तथा यह प्रयास किया जाए कि इन आईलेण्ड्स को सालभर हरा-भरा बनाया जाए ताकि यहां आने वाला पर्यटक वहां जाने को मजबूर हो जाए। कलक्टर ने आईलेण्ड्स व पानी के लिए उपयोगी विविध प्रकार के पौधों की सूची बनाकर भी कार्ययोजना के साथ प्रस्तुत करने को कहा।
लॉन, झरने और फ्लावरिंग प्लांट्स बनाएंगे आईलेण्ड्स को आकर्षक:
कार्ययोजना में आईलेण्ड्स पर लॉन विकसित करने के साथ ही कर्व पर आकर्षक झरने बनाने का प्रस्ताव लिया गया है। इसी प्रकार आईलेण्ड्स के चारों तरफ वर्ष भर फूल देने वाले पौधों को लगाने के साथ-साथ पानी पर तैरने वाले पौधों को लगाने की बात भी कही गई है ताकि आईलेण्ड्स दूर से ही फूलों का गुलदस्ता सा दिखाई दे।
वॉच टावर बनेंगे, सोलर बोट व हेंगिंग ब्रीज का भी प्रावधान:
इस कार्ययोजना में पहले दो आईलेण्ड्स पर वॉच टावर का निर्माण, सोलर बोट व वॉचमेन तथा गार्डनर नियुक्त करना भी प्रस्तावित किया गया है और इन वॉच टावर्स के साथ दूसरे चरण में हेंगिंग ब्रीज, नेचुरल एम्पीथियेटर बनाने का प्रस्ताव दिया गया है तथा एक टापू से दूसरे टापू तक जाने में रोमांच का अहसास हो सके।
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