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राष्ट्रोत्थान के लिए बालक-बालिकाओं का शिक्षित व संस्कारी होना जरूरी’

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24 Feb 18
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राष्ट्रोत्थान के लिए बालक-बालिकाओं का शिक्षित व संस्कारी होना जरूरी’ बांसवाड़ा, राष्ट्र के उत्थान एवं सामाजिक उन्नयन के लिये आवश्यक है कि बालक-बालिकाएं शिक्षित व संस्कारित हो। उनमें छुपी प्रतिभाओं को उजागर कर उनका समुचित विकास किया जाये ताकि वे अपनी क्षमताओं और कौशल से राष्ट्र और समाज की अपेक्षाओं पर खरा उतर सके।
यह विचार बाल अधिकारीता विभाग के सौजन्य से राजकीय सम्प्रेक्षण एंव किशोर गृह कार्यालय परिसर में शुक्रवार को आयोजित कार्यशाला में बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक दिलीप रोकडिया ने उपस्थित अधिकारियों, संस्थागत पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
इस कार्यशाला में, जिला बाल कल्याण समिति के सदस्यगणों में मधुसूदन व्यास, श्याम कुंवर परिहार, सेव द् चिल्ड्रन से जी.एम. संजय शर्मा, टेकनिकल ऐडवाईजर प्रभत कुमार, डी.डी.पी.ओ पंकज कुमार, ओम प्रकाश माथुर, वागधारा् जयेश जोशी, परमेश पाटीदार, कल्प सेकेट्री डॉ.ओपी कुलहारी, बालअधिकारिता विभाग के पी.ओ योगेश पंण्ड्या, सुचना सहायक अधिकारी माग्रेट पटेल, कनिष्ठ लेखा सहायक पुंजा चंचावत, जिला बाल संरक्षण अधिकारी मुकेश पटेल, सम्प्रेक्षण एवं किशोर गृह अधीक्षक महेन्द्र आचार्य, आउटरिच वर्कर प्रकाश जोशी आदि अनेक लोग मौजूद थे। कार्यशाला के दौरान बाल विवाह, बालश्रम, भिक्षावृती, बच्चों में कुपोषण सहित बालकों के विकास को दृष्ट्रीगत अनेक महत्वपुर्ण विषयों पर विशेषज्ञ द्वारा विचार और मंथन के बाद कार्य योजना तैयार की गई।
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