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संस्कृति शिक्षा संस्थान द्वारा सांस्कृत विषयक दो दिवसीय कार्यशाला शुरू

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20 Sep 17
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संस्कृति शिक्षा संस्थान द्वारा सांस्कृत विषयक दो दिवसीय कार्यशाला शुरू लोढी काशी बांसवाड़ा कला, संस्कृति व कलाकारों की भूमि है। क्षेत्र की विभिन्न कलाओं एवं सांस्कृतिक परम्पराओं का एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में हस्तान्तरण आवश्यक है। इस तरह की कार्यशालाओं से नई पीढ़ी को समृद्ध बनाया जा सकता है। उक्त विचार विद्या निकेतन उच्च माध्यमिक विद्यालय मंदारेश्वर में विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान द्वारा आयोजित भारतीय संस्कृति के संरक्षण, संवर्द्धन एवं उत्थान विषय की कार्यशाला में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सहायक निदेशक कमलेश शर्मा ने मुख्य अतिथि पद से संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
समारोह की विशिष्ट अतिथि नगरपरिषद पार्षद व भवन निर्माण समिति की अध्यक्ष गायत्री शर्मा ने कहा कि पढ़ाई के साथ हमारी गौरवमयी संस्कृति का भी ज्ञान करना आवश्यक है तभी हम अपने देश के विकास में अग्रसर हो पाएंगे।
कार्यशाला के अध्यक्ष डायालाल जोशी ने कहा कि कार्यशाला की विभिन्न विधाएं संगीत, नाटक, चित्रकला, निबंध लेखन और नृत्य में नगर से सम्मिलित सभी विद्यालय के बालकों को पूर्ण तन्मयता से ग्रहण करते हुए जीन में आगे बढ़े।
साहित्यकार सतीश आचार्य ने कहा कि हम जिन विधाओं का अभ्यास बालकों को करवा रहे हैं पूर्ण विश्वास है कि इन्हीं बालकों से अच्छे चित्रकार, संगीतकार, साहित्यकार पैदा होंगे। शिक्षा के साथ ही वर्तमान पीढ़ी को अन्य क्षेत्रों में रूचि पैदा कर आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। डॉ. दीपिका राव ने कार्यशाला आयोजित करने की आवश्यकता के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि स्वामी विवेकानन्द दे देश की गुलामी के समय अपनी सांस्कृतिक गौरव का परचम लहराया पर आज हमारा दुर्भाग्य है कि हम उस परम्परा को छोड़कर विदेशी संस्कृति की ओर आकर्षित हो रहे है। यदि हम स्वयं को पहचाने तो व्यक्तित्व का पूर्ण विकास कर पाएंगे।
कार्यक्रम के आरम्भ में अतिथियों का स्वागत-परिचय संयोजक एवं प्रधानाचार्य गोपालसिंह राव द्वारा किया गया। जिला संयोजक ललित दवे ने बताया कि विद्या भारती संस्थान बालकों के सर्वांगिण विकास हेतु पंचकोष शरीर, मन, आत्मा, बुद्धि, प्राण के विकास हेतु विभिन्न आयाम संचालित करती है। इसी क्रम में कार्यशाला आयोजित की गई।
दो दिवसीय इस कार्यशाला में जितेन्द्र व शिवशंकर वैष्णव चित्रकला, घनश्याम व हितेन्द्र संगीत, रितेश जैन निबंध, सतीश आचार्य नाटक विधाओं का विषय विशेषज्ञ के रूप में मार्गदर्शन करेंगे। कार्यशाला का संचालन दीपेश व्यास ने किया तथा आभार प्रदर्शन प्रबंध समिति सचिव सूरज पाटीदार ने किया।
संगीतमयी प्रार्थना सभा ने बांधा समां:
कार्यक्रम के आरंभ में जिला मुख्यालय के समस्त विद्यालयों के चयनित सैकड़ों विद्यार्थियों की मौजूदगी में विद्यानिकेतन संस्थान के विद्यार्थियों ने वाद्ययंत्रों की संगत के साथ ईशवंदना प्रस्तुत की तो सभी लोग सम्मोहित हो उठे। अन्य विद्यालयों के विद्यार्थी भी इस प्रार्थना से सम्मोहित होते नज़र आए।
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