नई दिल्ली: आजादी के बाद लगभग आधे दशक तक भारत में फिल्म फेस्टीवल्स का कोई रुचिपूर्ण लेखा जोखा नहीं रहा। इंटरनेशनल फिल्म फेस्टीवल ऑफ इंडिया जिसे ईफ़ी के नाम से जाना जाता है। इस फेस्टीवल की शुरुआत देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने 1952 में की थी। जो दिल्ली होते हुये आजकल गोवा में आयोजित होता है।
डेड दशक पहले कलकता, केरल, मुंबई और दिल्ली में अलग अलग फिल्म फेस्टीवल शुरू हुये जो काफी उतार चढ़ाव के बाद आज भी आयोजित हो रहे हैं। इनमें ज्यादातर सरकारी आयोजन हैं। हम भले ही दुनियाँ में सबसे ज्यादा फिल्में बनाते हैं पर फेस्टीवल्स के प्रति सरकारी उदासीनता के चलते भारत आज भी उस गौरव को हासिल करने से कोसो दूर है जिसका हकदार है।
21वीं सदी के पहले दशक में उत्तर भारत फिल्म फेस्टीवल के बिना सुनसान था। दिल्ली के हालात भी ठीक नहीं थे। इसी समय 2009 में राजस्थान विश्वविधालय से हिन्दी साहित्य में स्नातकोत्तर छात्र हनु रोज ने जयपुर में जयपुर इन्टरनेशनल फिल्म फेस्टीवल की नींव डाली जो हर साल जनवरी में आयोजित होता है।
इस फेस्टीवल की सफलता का परचम जब पूरी दुनियाँ में फहराने लगा तो देश में फिल्म फेस्टीवल्स जगह जगह होने लगे। आज देश में 20 से ज्यादा फिल्म फेस्टीवल्स हो रहे हैं। अनेक कोलेजेज़ में भी फेस्टीवल होने लगे हैं।
इस कड़ी में हनु रोज ने ये महसूस किया की देश की राजधानी में एक उच्च स्तर का शॉर्ट फिल्म फेस्टीवल भी शुरू होना चाहिए। जहां देश दुनियाँ के फिल्म मेकर्स एक जगह मिलें और शॉर्ट फिल्मस को लेकर एक नए माहौल को जन्म दें। इसी की कड़ी है नई दिल्ली शॉर्ट फिल्म फेस्टीवल।
फेस्टीवल के मैनेजिंग डायरेक्टर राकेश अंदानियाँ ने बताया की फेस्टीवल में 7 कैटगरी में फिल्म मेकर्स पूरे विश्व से अपनी फिल्में सब्मिट कर सकते हैं। इनमें शॉर्ट फिक्सन, शॉर्ट डाक्यूमेंटरी, शॉर्ट अनिमेशन, स्टूडेंट फिल्म, मोबाईल फिल्म और वेब सीरीज शामिल हैं। सातवीं कैटगरी है दिल्ली स्पेशल। दिल्ली स्पेशल को चार भागो में बाँटा गया है – “ग्रीन दिल्ली क्लीन दिल्ली”, “फेयर एंड फियरलेस दिल्ली”, कलरफूल एंड कल्चरल दिल्ली”, और दिल्ली पॉलिटिक्स और दिल्ली के विकास पर आधारित फिल्में “दिल्ली बोल दिल्ली पोल” में शामिल की जाएगी।
सभी सात कैटगरी से पाँच-पाँच टॉप फिल्मों का चयन जूरी दवारा किया जावेगा। फेस्टीवल में प्रत्येक कैटगरी से एक टॉप फिल्म की स्क्रीनिंग 4 नवंबर की दिल्ली में की जाएगी। इसी दिन अवार्ड प्रोग्राम आयोजित होगा जिसमें हर कैटगरी से टॉप पाँच फिल्मों की घोषणा की जावेगी।
फेस्टीवल में फिल्म सब्मिशन ओपन है। फिल्म सब्मिट करने की रेग्युलर डेडलाईन 4 अगस्त है। सब्मिशन फीस 500 रुपये ($10) रखी गई है।
शॉर्ट फिल्मों से देश में फिल्म एजुकेशन को और बढ़ावा मिल सकेगा। 2 घंटे का मनोरंजन आधे घंटे में हो सकेगा। युवा फिल्म मेकर्स को देश में एक नया मंच मिल सकेगा जिससे शॉर्ट फिल्म इंडस्ट्री की एक पहचान बनने लगेगी।
एक शॉर्ट फिल्म एक व्यक्ति या मनुष्य को, एक देश या पूरे विश्व को बदल सकती है। नई दिल्ली शॉर्ट फिल्म फेस्टीवल एक शुरुआत है नई फिल्मी क्रान्ति की देश की राजधानी दिल्ली से।
नई दिल्ली शॉर्ट फिल्म फेस्टीवल का आयोजन जयपुर इन्टरनेशनल फिल्म फेस्टीवल ट्रस्ट दवारा आयोजित होगा।
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