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बाल विवाह उन्मूलन हेतु जिला स्तरीय विचार गोष्ठी आयोजित

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21 Apr 15
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बांसवाड़ा, जिला बाल कल्याण समिति तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग बांसवाड़ा के संयुक्त तत्वाधान में बाल विवाह उन्मूलन हेतु जिला स्तरीय विचार गोष्ठी सोमवार को सामाजिक न्याय विभाग के सभागार में आयोजित की गई।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग की उपनिदेशक लीला पडियार ने गांव के समस्त जनप्रतिनिधियों, पटवारी, प्रधानाध्यापक एवं अन्य लोक सेवकों से बाल विवाह उन्मूलन के लिए सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया। इस अवसर पर विशिष्ठ अतिथि वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. एम.के.जैन ने बताया कि लड़़की का कम उम्र में विवाह, गर्भधारण और प्रसव होने से उसके स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव होता है। जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष गोपाल पंड्या ने बाल विवाह रोकथाम हेतु समाज, जनप्रतिनिधि और विभिन्न विभागों के समन्वयन के साथ सतत सक्रियता की आवश्यकता पर बल दिया। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक प्रफ्फुल चौबीसा ने बाल विवाह के दुष्परिणामों पर प्रकाश डाला। इस मौके पर चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के शिक्षा प्रचार प्रसार अधिकारी सुरेश चौधरी ने बाल विवाह से खराब स्वास्थ्य तथा बढ़ती मातृ एवं शिशु दर पर अपने विचार रखे।

कार्यक्रम के दौरान कवि भागवत कंुदन ने ’’बाल विवाह बंद करो’’ रचना के माध्यम से जन जागरण किया। सेव द चिल्ड्रन के कार्यक्रम प्रबंधक ओम आर्य ने बाल संरक्षण हेतु किये जा रहे दो सौ गांवों की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला।

इस मौके पर बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक दिलीप रोकड़िया, सेवानिवृत वन अधिकारी डॉ. दिनेशचंद्र भट्ट, शांतिलाल चौबीसा, दीपक श्रीमाल, नयना जैन, हयातगुलखान पठान, श्यामकुंवर परिहार, मधुलिका गुप्ता, आदि ने भी अपने विचार रखे।

गोष्ठी में बाल अधिकारिता विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, चिकित्सा विभाग, पुलिस विभाग एवं स्वयंसेवी संस्थान, राजस्थान राज्य भारत स्काउट गाईड के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन गोपाल पंड्या एवं आभार प्रदर्शन शांतिलाल चौबीसा ने किया।
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